भगवान पिता तो संत मां के समान होता है



आत्मीयता व्यसन मुक्ति से सुख शांति संभव
भगवान पिता तो संत मां के समान होता है 
(जौनपुर)
स्थानीय बाजार एवं महराजगंज स्थित जेसीडी गंगाराम शिक्षण संस्थान में स्वामीनारायण सत्संग महिला मंडल की सभा में गुजरात से पधारी पूज्य सर्वेश्वर दीदी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा भगवान पिता तो संत मां के समान होता है।जिस प्रकार एक बच्चे के जीवन में मां की आवश्यकता होती है।उसी प्रकार हमारे जीवन में संत रुपी मां की जरूरत होती है। जैसे मां बच्चे को साफ सुथरा कर पिता की गोद में डाल देती है।उसी प्रकार मां समान संत हमारी कुसंग,व्यसन आदि बुराइयों को दूर करके हमें भगवान रुपी पिता की गोद में डाल देते हैं।आत्मीयता के द्वारा ही जीवन में सुख शांति और मानवता का विकास संभव है। हिंसा अनाचार परिवार व समाज को अशांत बनाए हुए हैं।ऐसे में आत्मीयता का जीवन जीकर हम परिवार समाज व राष्ट्र को खुशहाल बना सकते हैं। आत्मीयता के द्वारा हम परिवार,समाज, राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने के साथ अपना आत्म कल्याण भी कर सकते हैं। ब्यसन समस्त बुराइयों की जड़ है। इससे परिवार व समाज में विखंडन उत्पन्न हो रहा है।हम व्यसन मुक्त जीवन जीकर परिवार समाज व मानवता की सेवा कर सकते हैं। हम जीवन में शाकाहार अपना कर रोगों से मुक्ति पाने के साथ हमारे विचारों में भी शुद्धता सात्विकता के भाव आते हैं ।हम प्रभु के नजदीक पहुंचते हैं।
इस अवसर पर गायत्री जायसवाल,अंकला गुप्ता आदि सैकड़ों श्रद्धालु महिलाएं मौजूद रही।

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