राज्यपाल पद से हटते हीं सीबीआई ने किया सत्यपाल मलिक से पूछताछ


  सीबीआई ने  पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक से उन आरोपों की बाबत पूछताछ की है जिसमें उन्‍होंने दावा किया था कि जब वे जम्‍मू-कश्‍मीर के राज्‍यपाल थे तब 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए उन्‍हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। बता दें कि सत्य पाल मलिक के इन आरोपों के आधार पर जम्मू-कश्मीर में अप्रैल में भ्रष्टाचार के दो मामले दर्ज किए गए थे। समाचार एजेंसी पीटीआ की रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआइ ने इन्‍हीं मामलों की छानबीन के तहत यह पूछताछ की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई टीम ने इस हफ्ते की शुरुआत में उनकी टिप्पणियों का विवरण लिया। यह पूछताछ तब हुई है जब राज्यपाल के रूप में मलिक का पांच साल का कार्यकाल चार अक्टूबर को खत्‍म हुआ है। सत्‍यपाल मलिक को वर्ष 2017 में बिहार के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में साल 2018 में उन्‍हें जम्मू-कश्मीर भेजा गया। जम्मू-कश्मीर में सत्‍यपाल मलिक के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्‍त किया गया था।

सत्‍यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए बयान जारी किए थे। मलिक ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा था- कश्मीर जाने के बाद, दो फाइलें मेरे पास (मंजूरी के लिए) आईं।

सत्‍यपाल मलिक ने झुंझुनू में एक कार्यक्रम में कहा था कि इसके बाद मुझे दोनों विभागों के सचिवों की ओर से सूचित किया गया कि यह एक घोटाला है। सचिवों ने मुझसे कहा था कि 'आपको फाइलें क्‍लीयर करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे लेकिन मैंने उनसे कहा था कि मैं पांच कुर्ता पायजामा लेकर आया हूं और उसी के साथ जाऊंगा। इस साल अप्रैल में सीबीआई ने मलिक के आरोपों के संबंध में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। इसके साथ ही मलिक ने यह भी कहा था कि उन्‍होंने दोनों डील रद कर दी थी।

 

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